*बरगढ़ धनु यात्रा की चमक में गरीबों पर भारी पड़ रहा खर्चा*
बरगढ़ विश्व प्रसिद्ध धनु यात्रा महोत्सव का आयोजन इस वर्ष 3 जनवरी से 13 जनवरी तक बड़े ही धूमधाम से किया जाएगा। इस उत्सव में बरगढ़ शहर को मथुरा नगरी, अंबापाली गांव को गोपपुर और जीरा नदी को यमुना नदी के रूप में नामित कर यह महोत्सव मनाया जाता है। हजारों कलाकार खुले आसमान के नीचे इस महोत्सव में भाग लेते हैं। और पूरा क्षेत्र भगवान कृष्ण और कंस के पौराणिक समय का जीवंत अनुभव प्रदान करता है।
धनु यात्रा के दौरान कंस महाराज के शासन के प्रतीकात्मक रूप से कानून लागू किए जाते हैं,जिनका पालन प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस, और यहां तक कि मंत्रियों को भी करना पड़ता है।हालांकि इस बार इस महोत्सव की चमक गरीबों पर भारी पड़ती दिख रही है। मीना बाजार परिसर में झूले, दुकानों और खाने-पीने की जगहों के लिए जमीन इतनी महंगी दरों पर उपलब्ध कराई जा रही है कि गांव-देहात से आने वाले गरीब परिवारों के लिए यहां आना मुश्किल हो गया है।प्रशासन द्वारा तय किए गए ऊंचे जमीन की कीमतों का सीधा असर छोटे व्यापारियों और झूला संचालकों पर पड़ रहा है। यही नहीं यह महोत्सव देखने के लिए आने वाले गरीब परिवारों के लिए भी बड़ी चुनौती बन रहा है।धनु यात्रा के दौरान झूले, दुकानों और अन्य गतिविधियों से राज्य और केंद्र सरकार को करोड़ों रुपए का व्यापारिक नुकसान भी होता है। दुकानदार व अन्य झूले वाले किसी तरह का कोई टैक्स तक नहीं देते,लेकिन वहीं गरीब वर्ग इस महोत्सव का आनंद लेने से वंचित होते नजर आ रहा है।
स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने प्रशासन से मीना बाजार के जमीन के किराए को कम करने की मांग की है, ताकि सभी वर्गों के लोग इस महोत्सव में भाग ले सकें। बरगढ़ के लोग चाहते हैं कि यह महोत्सव अपनी लोकप्रियता बनाए रखते हुए हर वर्ग के लिए सुलभ हो।धनु यात्रा जैसे सांस्कृतिक आयोजन केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं हैं। बल्कि यह हमारी परंपरा और विरासत का प्रतीक भी हैं। प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस ऐतिहासिक महोत्सव पर गांव देहात से आने वाले लोगों के लिए कोई उचित व्यवस्था करे।
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